सदा खुशहाल जीवन कैसे जियें ?
भाग - 3
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I am Dr. Gunjan vishwakarma from mindful journey, welcome! I am a tarot
card reader, spiritual healer, vastu consultant, numerologist and motivational
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अपने पहले के पोस्ट में, 'जीवन भाग 1 और 2 मैं सदा खुशहाल जीवन कैसे जिएं' मैं सुखी जीवन के लिए 14 तरीके बताए।
इस भाग में मैं अगले 7 तरीकों का वर्णन करने जा रही हूँ,
चलो शुरू करें हैं:-

जिस प्रकार
से आपकी क्रिएटिविटी जागृत
करने के लिए अकेले रहना
जरूरी है उसी प्रकार से
आपकी खुशी के लिए आपका
अपने मित्रों और
परिवार जन के साथ समय
बिताना बहुत जरूरी
है । आपके कार्यक्षेत्र या
रिश्तो या प्यार
में आने वाली
बाधाओं उसको आसानी
से पार करने
के लिए सुरक्षा
की भावना को
महसूस करने के लिए संस्कारों
को बनाने के
लिए अपने अंदर
आत्मविश्वास पाने के
लिए तथा और भी बहुत
कुछ ऐसी ऐसी ही सकारात्मक
उर्जा से तथा खुशहाली से जीवन को भरने
के लिए अपने
बिजी शेड्यूल में
से अपने प्रियजनों
के लिए कुछ समय निकालना
चाहिए यह आपके जीवन में
खोई हुई खुशहाली
को फिर से लौटा देता
है|
2. अच्छी नींद लीजिए:-

जैसा कि
हम सब जानते
हैं एक स्वस्थ और
सक्रिय जीवन जीने
के लिए अच्छी
नींद का लेना बहुत जरूरी
है । लेकिन अच्छी नींद
का सीधा संबंध
आपकी खुशहाली से
भी है । एक
नींद से भरा हुआ थका
इंसान कभी भी खुश नहीं
हो सकता। इसका यह
अर्थ कतई नहीं
है कि ज्यादा
सोने वाले अधिक
खुशहाल होते हैं
लेकिन हां अगर आप ज्यादा
खुश महसूस करना
चाहते हैं तो आपको एक
भरपूर अच्छी नींद
जरूर लेनी चाहिए ।
अपने दिनचर्या में
एक स्वस्थ नींद
चक्र को शामिल
कीजिए और अधिक खुशहाल जीवन
जीने की दिशा में कदम
बढ़ाइए |
3. प्रतिदिन व्यायाम कीजिए:-

प्रतिदिन व्यायाम करने
से आप स्ट्रेस
को प्रभावी ढंग
से मैनेज कर
पाएंगे साथ ही आपके ब्रेन
और बॉडी के ऊपर इसके
कई सकारात्मक प्रभाव
पड़ते हैं । प्रतिदिन केवल 20 मिनट
एक्सरसाइज करके आपका
मूड बेहतर हो
सकता है और अगले 12 घंटों तो
आप खुश महसूस
कर सकते हैं व्यायाम
करने से हार्मोन
जैसे कि एंड ऑप्श सेराटोनिन
नॉरएपीनेप्री आदि का
स्तर बढ़ जाता
है जो कि आपके माइंड
और बॉडी पर सकारात्मक प्रभाव डालता
है साथ ही स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल
का स्तर घट जाता है
जिससे कि आप एक बेहतर
खुशहाल जिंदगी जी
सकते है|
4. ध्यान को जीवन
का हिस्सा बनाएं:-

अध्ययन में ज्ञात
हुआ है कि जो लोग
प्रतिदिन ध्यान
करते हैं वे अधिक खुशहाल
जीवन जीते हैं
। ध्यान आपको
अधिक समय तक सकारात्मक बनाए रखने
में महत्वपूर्ण योगदान
देता है यह साबित हो
चुका है कि जो लोग
व्यायाम करते हैं
उनका दिमाग अन्य
लोगों के दिमाग
की तुलना में
अधिक शांत रहता
है और स्ट्रेसफुल
कंडीशन में अधिक
बेहतर तरीके से
परफॉर्म करता है साथ ही
मेडिटेशन आपको
आपके तनाव पर
काबू पाने के लिए बेहतरीन
टूल साबित हो
सकता है और आप अपनी
जिंदगी के उतार-चढ़ाव के
बीच में भी अधिक खुशहाल
रह सकते हैं
इसलिए अब ध्यान
को अपने जीवन
का हिस्सा बनाएं
प्रतिदिन 5 मिनट या
इससे कुछ अधिक
का ध्यान आपकी
सकारात्मक सोच को
बढ़ाएगा और आपके जीवन में
बहुत सारी खुशियां लेकर आएगा
।
5. अपनी आध्यात्मिकता के साथ जुड़ें:-

आध्यात्मिकता का अर्थ
है, स्वयं को जानने की प्रक्रिया। आध्यात्मिकता और खुशी दोनों एक
मानव जीवन के बहुत महत्वपूर्ण
पहलू हैं आध्यात्मिक
व्यक्ति जीवन का एक अर्थ
या उद्देश्य पाते
हैं और यह प्रक्रिया उन्हें जीवन
में खुश या संतुष्ट भी बनाती
है।आध्यात्मिकता किसी व्यक्ति
को सकारात्मक भावनाओं के
लिए अधिक खुला
बनाती है इसलिए
एक अधिक खुशहाल
जीवन जीने के लिए आपका
आध्यात्मिकता से जुड़ाव
जरुरी है। आध्यात्मिकता
का तात्पर्य स्वयं
को व्यापक रूप
से इस जीवन में संतुष्ट महसूस
कराना और वर्तमान में
पूर्ण रूप से उपस्थित होना है |
6. स्वयं के
लिए समय निकालिये
:-

अध्ययनों से पता
चला है कि स्वयं
के लिए समय
निकलने से उत्पादकता और सुख में वृद्धि
औ जैसे लाभ
होते हैं।
जब आप अकेले
समय बिताते हैं
तो यह आपको स्वयं के
पास बैठने
का अवसर देता
है और आपके जीवन में प्राथमिकताओं
को तय करना सिखाता है
और यह आपको यह बताता
है कि आपके जीवन में
क्या चल
रहा है और आप बेहतर
ध्यान केंद्रित कर
पाएंगे कि क्या किया जाना
चाहिए।
यदि आप खुद
को कुछ समय देकर अपनी
बैटरी को रिचार्ज
करने के लिए समय निकालते
हैं तो आप बेहतर रिश्तों
और काम की परिस्थितियों का अनुभव
करके अधिक खुशहाल
जीवन जी पाएंगे।
7. व्यक्तिगत
देखभाल के लिए समय बचाएं
:-

व्यक्तिगत देखभाल न केवल आपकी भलाई के लिए आवश्यक है,बल्कि जब कोई व्यक्ति स्वयं की देखभाल करने की आदत में पड़ जाये , तो सब ठीक हो जाता है। स्वयं की देखभाल करना आपका स्वार्थ
नहीं है, लेकिन आपकी देखभाल आपकी ज़िम्मेदारी है और यदि आप रोज़ अच्छा महसूस करना चाहते
हैं, तो आपको अपने लिए समय निकालने की आवश्यकता
है। आत्म देखभाल की मेरी परिभाषा का अर्थ पूरी तरह से स्वायत्त होना है जो शारीरिक
रूप से भावनात्मक रूप से आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से स्वयं की देखभाल करता है। । इसलिए
यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने शरीर के मन और आत्मा का हर रोज ध्यान
रखें तब नहीं जब आप बीमार हों |
Hope You Like It.
Thank You
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Dr. Gunjan Vishwakarma
Mindful Journey
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